कवर्धाछत्तीसगढ़

भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन आस्था कला मंच की टीम ने छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, रीति-रिवाजों पर आधारित विधाओं पर शानदार प्रस्तुति देकर समा बांधा

साँस्कृतिक मंच पर बैगा नृत्य छत्तीसगढ़ की लोक पारम्परिक, लोक संगीत, सुगम संगीत, फाग गीत का अद्भूत संगम देखने को मिला

कवर्धा। भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन गुरूदास मानिकपुरी आस्था कला मंच की टीम ने छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों पर आधारित अलग-अलग विधाओं पर शानदार प्रस्तुति देकर समा बांधा। सधे हुए बड़े कलाकारों की तरह आस्था कला मंच की टीम ने बिना झिछक के गीत-संगीत धून के साथ छत्तीसगढ़ की अलग-अलग विधाओं से दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। दर्शकों ने तालियों की गढ़गढ़ाहटों से भोरमदेव महोत्सव में आए सभी कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

भोरमदेव महोत्व के पहले दिन साँस्कृतिक मंच पर बैगा नृत्य छत्तीसगढ़ की लोक पारम्परिक, लोक संगीत, सुगम संगीत, फाग गीत का अद्भूत संगम देखने को मिला।
जिला प्रशासन द्वारा आयोजित दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर शनिवार की रात जिले के कलाकारों और स्कूली बच्चों द्वारा रंग-बिरंगे पोशक में जहां छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं, लोक संस्कृति पर आधारित गीत एवं नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन कबीरधाम जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति के बैगा नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। इसके बाद जिले के स्कूली बच्चों ने सामुहिक नृत्य के साथ अपनी प्रस्तुति दी। बोड़ला के रजउ साहू छत्तीसगढ़ की लोकगीत एवं नृत्य की प्रस्तुति दी। प्रभुराम धुर्वे की टीम ने फाग गीत की प्रस्तुति दी। इसके बाद सरगम ग्रुप ने दर्शकों को आनंदित किया। छत्तीसढ़ी लोकगीतों के गायन की प्रस्तुति देते हुए गुरूदास मानिकपुरी ने अपने चीर परचीत अंदाज में छत्तीसगढ़ की संस्कृति सहित सुपर डुपर गानों की शानदार प्रस्तुति देकर महोत्सव का मान बढ़ाया।

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