कवर्धाछत्तीसगढ़

ग्रामीणों की जागरूकता से तीन गुना हुई तेन्दूपत्ता संग्रहण तथा बोनस की राशि 8 करोड़ 12 लाख रूपए से बढ़कर हुआ 22 करोड़ 31 लाख रूपए

ग्रामीणों की जागरूकता से तीन गुना हुई तेन्दूपत्ता संग्रहण तथा बोनस की राशि 8 करोड़ 12 लाख रूपए से बढ़कर हुआ 22 करोड़ 31 लाख रूपए

कवर्धा,। कबीरधाम जिले के वनांचल क्षेत्र के वनवासियो एवं विशेष पिछडी जन जाति वर्ग (बैगा) के लोगो की आय का मुख्य अतिरिक्त साधन तेंदूपत्ता संग्रहण है। वनमंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह के मार्गदर्शन में समस्त वन अमले, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधकों एवं कर्मचारियों द्वारा जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण में उत्कृष्ट कार्य किया गया तथा इस उत्कृष्ट कार्य से ग्रामीणों के आय में लगभग 03 गुना वृद्धि हुई है।
वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह ने बताया कि जिले के अंतर्गत तेंदूपत्ता (हरा सोना) संग्रहण करने के लिए जिला स्तर पर जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, कवर्धा के कार्य को देखने के लिए संचालक मण्डल बोर्ड निर्वाचित है। इसके अंतर्गत 19 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियां कार्यरत है। तेन्दूपत्ता संग्रहण के अतिरिक्त लघु वनोपज संग्रहण का कार्य भी ये समितियां करती है। तेन्दूपत्ता संग्रहण करने के लिए 258 फड़ें चिन्हांकित है। तेन्दूपत्ता संग्रहण एवं पर्यवेक्षण के लिए 19 पोषक अधिकारी, 07 गुणवत्ता अधिकारी, 03 जोनल अधिकारी एवं प्रत्येक फड़ पर 01 फड़ प्रभारी एवं फड़मुंशी तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए नियुक्त किए गए है। कवर्धा जिला यूनियन का लक्ष्य 40800.000 मा.बो. निर्धारित है। तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य में शाखकर्तन के लिए 55 रूपए प्रति मानक बोरा, संग्रहण पश्चात बिक्री करने पर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा तथा प्रोत्साहन पारिश्रमिक गुणवत्ता के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जहां वर्ष 2020 में तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य 40800.000 मानक बोरा के विरुद्ध 20304.090 मानक बोरा (प्रतिशत 49.76) संग्रहण हुआ था। वहीं 2021 में 38013.342 मानक बोरा (प्रतिशत 93.16) एवं वर्ष 2022 में 41760.270 मानक बोरा (प्रतिशत 102.35) संग्रहण हुआ। इस प्रकार वर्ष 2022 में वर्ष 2020 की तुलना में 02 गुना तेन्दूपत्ता अधिक संग्रहण हुआ है। वर्ष 2020 में जहं संग्राहकों को मात्र 8,12,16,360.00 रूपए का पारिश्रमिक प्राप्त हुआ था। वर्ष 2022 में 16,70,41,080.00 रूपए का पारिश्रमिक प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त तेन्दूपत्ता बिक्री करने के पश्चात शुद्ध लाभ का 80 प्रतिशत राशि वनवासियों को बोनस के रूप में प्रदाय की जाती है। वर्ष 2020 में मात्र 1009 संग्राहकों को 17204 रूपए प्राप्त हुआ था। वर्ष 2021 में 22011 हितग्राहियों को 01 करोड़ 70 लाख रूपए तथा वर्ष 2022 में 05 करोड़ 61 लाख रूपए राशि वितरित की जाएगी। इस प्रकार तेंदूपत्ता संग्रहण एवं बोनस की कुल राशि वर्ष 2020 में 8,12,17,204.00 रूपए थी। वही वर्ष 2022 में यह राशि बढ़कर 22 करोड़ 31 लाख रूपए हो गई।
उल्लेखनीय है कि वन मण्डलाधिकारी  चूड़ामणी सिंह द्वारा अपनी कार्य की उपस्थिति के दिन से ही समस्त वन विभाग के क्षेत्रीय अमले, जिला यूनियन कवर्धा में पदस्थ उप वन क्षेत्रपालो, प्रबंधको एवं निर्वाचित सहकारी समिति सदस्यो एवं पदाधिकारियो को निर्देशित किया गया है कि ग्रामीणों में जागरूकता फैलाएं ताकि उनकी आय में वृद्धि हो तथा तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले संग्राहको के पुत्र-पुत्रियों को छात्रवृत्ति, शिक्षावृत्ति एवं परिवार में जनहानि होने पर सामाजिक सुरक्षा (शहीद महेन्द्र कर्मा बीमा राशि) प्राप्त हो सके। इन जन कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रत्येक परिवार प्रति वर्ष 500 तेन्दूपत्ता गड्डी से अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण केन्द्रों में बिक्री कराना सुनिश्चित करें।

तेंदूपत्ता संग्राहक के 570 छात्र-छात्राओं को 62 लाख 88 हजार 500 रूपए की छात्रवृत्ति प्रदाय की गई

वन मंडलाधिकारी ने बताया कि ऐसे संग्राहक जो द्वितीय वर्ष 500 गड्डी से अधिक संग्रहण करते है के बालक-बालिकाओं को कक्षा 8वीं से लेकर कॉलेज तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए कबीरधाम जिले में छात्रवृत्ति प्रदाय की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में 270 छात्र-छात्राओं को 32 लाख 20 हजार रूपए, 2021 में 72 छात्र-छात्राओं को 2 लाख 91 हजार रूपए और 2022 में 228 छात्र-छात्राओं को 26 लाख 77 हजार 500 रूपए की छात्रवृत्ति प्रदाय की गई।

तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया एवं सदस्यों की मृत्यु होने पर दी गई सामाजिक सुरक्षा

वन मंडलाधिकारी ने बताया कि शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा अनुदान योजना 05 अगस्त 2020 से प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत परिवार के मुखिया के साधारण, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रूपए तथा दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर 4 लाख रूपए संतप्त परिवार को प्रदान किया जाता है तथा सदस्यों की मृत्यु होने पर संग्राहक मुखिया को 12 हजार रूपए प्रदान किया जाता है। योजना के लागू होने के पश्चात वर्षवार 187 परिवार को राशि अनुदान के रूप में प्रदाय की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में 42 परिवार को 20 लाख 56 हजार रूपए, 2021-22 में 85 परिवार को 81 लाख 30 हजार रूपए और 2022-23 में 60 परिवारों को 57 लाख 11 हजार रूपए अनुदान के रूप में प्रदाय की गई है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत वनोपज संग्रहित कर ग्रामवासियों को किया गया लाभांवित

डीएफओ श्री सिंह ने बताया कि वनवासियों को 65 लघु वनोपजो के न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी देकर ग्रामवासियों से शहद, कोदो, कुटकी, रागी, चरोटा, चिरायता, सालबीज, कालमेघ, वनजीरा, वनतुलसी व महुआ फूल संग्रहण कराया गया। इन वनोपजो के संग्रहण पश्चात ग्रामीणों को पारिश्रमिक के रूप मे भुगतान की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 संग्रहित मात्रा (क्विं.मे) 9487.84 राशि 2,53,95,309 रूपए, 2021-22 में संग्रहित मात्रा (क्विं.में) 23703.86 राशि 7,21,48,202.00 रूपए और वर्ष 2022-23 में संग्रहित मात्रा (क्विं.में) 14328.43 राशि 4,73,07,772.00 रूपए भुगतान की गई।

तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए डीएफओ ने ग्रामीणों और वनवासी से की अपील

तेन्दूपत्ता संग्रहण सीजन माह-मई से प्रारंभ होता है। इस वर्ष मौसम में उतार चढाव होने के कारण तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए वन मण्डलाधिकारी कवर्धा द्वारा समस्त ग्रामवासियो, वनवासियो से अपील की गई की माता दाग युक्त, कवला पत्ता तथा कटा-फटा तेन्दूपत्ता न तोड़े, चिकना तथा 02 बीडी बनने युक्त एवं गुणवत्ता वाला ही तेन्दूपत्ता तोड़े जिससे भविष्य में लाभांश ग्रामीणों को अधिक प्राप्त हो सके।

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