कवर्धा । तंबाकू शराब के अलावा कई वस्तुऐं से होती है जा दैनिक जीवन में कैसर का कारण बनती है। जिला अस्पताल में अब तक 25 केंसर मरीजो ने कीमोथेरिपी की सुविधा ली। जिन्हे लगभग 50 से अधिक कीमो थैरेपी दिया गया।
सिविल सर्जन डॉ महेश सूर्यवशी ने बताया कि डां हर्षित टुवानी जिला अस्पताल में कैसर के मरीजों का इलाज कर रही है। वह बताती है कि यहां आने वालें मरीजों में मुख्यतः मुंह , गलें , ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैसर के मरीज है। कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू और शराब का सेवन से माना जाता है पर हमनें से कई लोगों को नही पता कि दैनिक जीवन में ऐसे कई चीजो का उपयोग हमारे द्वारा किया जाता है जो शरीर में कैंसर पैदा करने का मुख्य कारण होता है। साथ ही कैंसर को लेकर कई सारी भ्रांतिया है, जिसके कारण लोग अपना पूरा इलाज नही करवातें है। अगर सही समय में कैसर की पहचान कर सही तरीके से इलाज करवाई जाए तो उससे पूर्ण रूप से छुटकारा पाया जा सकता है।
कैंसर के संकेत :- डां बतातें है कि आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन ,घाव जो लम्बें समय के बाद भी ठीक न हो, असमान्य रक्तस्त्राव ,स्तन या अन्य जगह गांठ या सूजन , तेज खांसी या आवाज का बदलना है। पैक्ड फूड एवं मच्छर नाशक दवाईया भी होती है। हानिकारक
तम्बाकू और शराब के सेवन के साथ ही मोटापा होना, कुछ वायरल संक्रमण जैसे HPV और hepatitis virus पेस्टिसाइड, इंसेक्टेसाइड का अधिक उपयोग, मच्छर मारने वाली दवाईयां, रेडिएशन विकरण से संपर्क में आना जिसमें सूर्य के पराबैंगनी विकिरण कैंसर का मुख्य कारण होता है।
डॉक्टर ने बताया कि कैसर के लक्षण होने पर अस्पताल जाकर जांच करवाएं, जिला अस्पताल में कीमोंथैरेपी एवं इलाज संभव है। जांच के बाद सर्जरी , दवाइ्रयां से लेंकर कीमोंथैरेपी से इलाज करवा सकतें है। जिला अस्पताल में अभी लगभग 15 दवाईयां से कैंसर का उपचार किया जा रहा हैं। फर्स्ट लाइन दवाइयों से कैंसर का इलाज संभव है।