समूह की प्रत्येक महिलाओं को 45 सौ रुपए से अधिक का होने लगा मासिक आमदनी
ग्राम मजगांव के रीपा केंद्र से ग्रामीण महिलाएं संचालित कर रही अपना व्यवसाय
कवर्धा । ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल से स्थानीय बाजार की मांग आधारित विभिन्न सामग्रियों को तैयार कर बाजार में विक्रय करने एवं ग्रामीणों को उद्यमी बनाने के दृष्टिकोण से महात्मा गांधी रूलर इंडस्ट्रियल पार्क की कल्पना राज्य शासन द्वारा की गई है। राज्य शासन के इस महत्वकांक्षी योजना से ग्रामीण महिलाएं समूह के माध्यम से संगठित होकर किस तरह एक सफल उद्यमी बन गई है इसका बेहतरीन उदाहरण विकासखंड कवर्धा के ग्राम पंचायत मजगांव में स्थापित महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) में देखा जा सकता है। मजगांव ग्रामीण औद्योगिक केंद्र में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विहान के माध्यम से गठित जय माँ स्वरस्वती महिला स्व सहायता समहू कि आठ महिलाएं आर ओ वाटर और आर ओ वाटर से बने बर्फ सिल्ली को विक्रय कर अच्छा आमदनी अर्जित कर रही है। बाजार के मांग आधारित जय माँ सरस्वती समहू द्वारा चुना गया व्यवसाय साल भर उपयोग में आने वाले आर ओ वाटर निर्माण का काम है। सीजन में पानी के आवश्यकता को देखते हुए समूह द्वारा 75 जार प्रतिदिन तैयार किया जा रहा है जिसमें से 65 जार (10 लीटर का 1 जार) को 2275.00 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से बेचा जा रहा है। इसी तेरा प्रतिदिन लगभग 40 नग बर्फ सिल्ली का उत्पादन हो रहा है जिसमें 15 से 17 नग प्रतिदिन विक्रय हो रहा है जो प्रति सिल्ली 120.00 रुपए के दर से ग्राहकों तक पहुंच रहा है। समहू के प्रत्येक सदस्य को इस व्यवसाय से जुड़कर 45 सौ रुपए से अधिक की आमदनी महीने में होने लगा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मजगांव सहित अन्य ग्राम पंचायतों में संचालित ग्रामीण औद्योगिक केंद्र (रीपा) का वर्चुवल शुभारंभ किया था।
ग्रामीण महिलाएं अब हो गई सफल उद्यमी: कलेक्टर जनमेजय महोबे
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने चर्चा करते हुए बताते हैं कि महात्मा गांधी रूलर इंडस्ट्रियल पार्क रीपा राज्य शासन की बहुत महत्वकांक्षी योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को उद्यमी के रूप में आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर बनाना है। रीपा केंद्र शासन द्वारा स्थापित कर स्थानीय ग्रामीणों को समूह के माध्यम से दिया गया है।औद्योगिक पार्क में समूह द्वारा विभिन्न सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है जिसकी खपत स्थानीय स्तर पर ही हो रही है। मजगांव में संचालित रीपा केंद्र में सभी जरूरी सुविधाओं का विस्तार किया गया है जिससे कि समूह को व्यवसायिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहन मिल सके और वो आगे बढ़ सके। रीपा केंद्र मजगांव में अनेक व्यवसायिक गतिविधियां हो रही है जिसमें पेपर कप निर्माण,गोबर पेंट,फेब्रिकेशन के साथ आर ओ वाटर एवं आइस स्लैब का व्यवसाय है शामिल हैं।
पूरे व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन ग्रामीण महिलाएं कर रही है जो प्रेरणादायक है: सीईओ जिला पंचायत
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि रीपा केंद्र में बिजली,पानी,सड़क,वर्किंग शेड एवं शौचालय जैसे अन्य सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई है। महिला स्व सहायता समूह द्वारा आरो पानी का उत्पादन एवं आरो पानी से बर्फ सिल्ली का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में महिलाएं अपने उत्पादन को स्थानीय बाजार में विक्रय कर रही है और इस व्यवसाय से महिला समूह के सदस्यों को अच्छी आमदनी होने लगी है।उल्लेखनीय है कि पूरे व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन ग्रामीण महिलाओं द्वारा स्वम किया जा रहा है जिसमें सामग्रियों का उत्पादन से लेकर मार्केटिंग एवं विक्रय शामिल है। निश्चित ही है ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ाने में रीपा योजना बहुत मददगार होगा।
रीपा ने हमें नई पहचान दी : श्रीमती प्रेमकुमारी गंधर्व
जय माँ सरस्वती स्व सहायता समूह मजगांव की अध्यक्ष श्रीमती प्रेम कुमारी गंघर्व ने बताया की हमारा व्यवसाय अच्छे से चल रहा है। प्रतिदिन बर्फ की सिल्ली एवं आरो पानी बाजार में बिक रहा है।आर ओ पानी से बना बर्फ होटल जूस सेंटर एवं स्थानीय बाजार एवं घर-घर पहुंच रहा है। समूह के द्वारा घर पहुंच सेवा प्रदान कर हम महिलाएं अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं।हम सभी समूह के सदस्य अपने सरकार को बहुत धन्यवाद देते हैं कि हमें आज आत्मनिर्भर बनाने हमारे गांव में रीपा जैसा केंद्र स्थापित किया गया। अब हमारी पहचान ना सिर्फ एक ग्रामीण महिला के रूप में होती है बल्कि एक सफल उद्यमी के रूप भी पहचान बंनाने लगी है।