
कवर्धा। जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी उर्फ़ (नीलू भैया) को कांग्रेस पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक ममता चंद्राकर का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में उनके बारे में मतदाताओं को जानना जरूरी है, कि पिछले दिनों उनके जिला अध्यक्ष की कुर्सी गई कैसे थी?
नीलकंठ उर्फ़ नीलू भैया जब जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे उन्होंने अपने पद और कांग्रेस के सत्ता में होने का भरपूर फायदा उठाया था। दरअसल, उन्होंने इस दौरान अपने भतीजे के नाम पर रेंगाखार जंगल क्षेत्र के ग्राम खमरहा में अवैध क्रेशर का प्लांट लगाया था या यूं कहिए सत्ताधारी पार्टी के नेता जी ने अपनी काली कमाई का जरिया बनाया था, जिससे शासन और प्रशासन दोनों को ही आर्थिक रूप से हानि पहुंच रही थी। लेकिन नीलू भैया का यह कमाई का जरिया ज्यादा दिन चल नहीं पाया, क्योंकि इसकी जानकारी जिलेभर के पत्रकारों को हो गई।
पत्रकारों द्वारा ग्राम खमरहा पहुंचकर नीलू भैया के इस अवैध क्रेशर प्लांट का निरिक्षण किया और सही पाए जाने पर समाचार प्रकाशित करने के साथ कलेक्टर जन्मजेय मोहबे से मुलाकात कर मामले की शिकायत की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर मोहबे ने बोडला के अनुविभागीय अधिकारी संदीप ठाकुर को कार्यवाही के लिए कड़े निर्देश दिए थे। इसके बाद राजस्व अमले की टीम ने कार्यवाही करते हुए अवैध क्रेशर प्लांट को सील किया था। बाद में नीलू भैया ने एक पत्रकार से टेलीफोन में बात करते हुए अपनी गलती को भी कबूला था। कुछ दिन बाद इसी मामले के चलते नीलू भैया को जिला अध्यक्ष पद से कांग्रेस ने हटा दिया था।