महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया गया है. इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया है। सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग भी हुई जिसमें केन्द्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी है। इस अधिनियम का स्वागत करते हुए भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री और कबीरधाम जिला पंचायत की सभापति भावना बोहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केन्द्रीय कैबिनेट के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान भावना बोहरा ने कहा कि इस ऐतिहासिक निर्णय का देश की हर महिलाएं सहर्ष स्वागत कर रहीं हैं। भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:” को चरितार्थ करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बार पुनः महिलाओं के प्रति अपने सम्मान और उनके सशक्तिकरण हेतु “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” को संसद में पेश किया। यह हम सभी महिलाओं के लिए एक आत्मगौरव का क्षण है इसके साथ ही भारत की राजनीति का एक स्वर्णिम अध्याय है।
भावना बोहरा ने आगे कहा कि यह हम सभी महिलाओं के लिए गौरव का विषय है कि नए संसद भवन का शुभारम्भ प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति को समर्पित करते हुए उसका श्री गणेश किया। महिलाओं के हित,सुरक्षा,अधिकार एवं सम्मान के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे सराहनीय प्रयासों एवं ऐतिहासिक निर्णयों व योजनाओं से आज देश की महिलाएं सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर हैं, लोकसभा में पेश हुआ ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ एक ऐसा निर्णय है, जिससे नारी शक्ति को सही मायने में उनका अधिकार मिलेगा। इस ऐतिहासिक अधिनियम को संसद में पेश कर मोदी जी ने स्पष्ट कर दिया है कि नारी सशक्तिकरण केवल उनका एक नारा नहीं बल्कि संकल्प है और अपने इस अटल संकल्प को पूरा करने के लिए उनके द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहें हैं।
उन्होंने कहा कि “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण का मुख्य स्तंभ बनेगा। लोकसभा हो या विधानसभा महिलाओं को अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने का एक नया अवसर मिलेगा। आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी प्रतिनिधित्व का लोहा मनवा रहीं हैं। शिक्षा हो या खेल, सेना हो या अनुसंधान, राजनीति हो या सिविल सेवा हर क्षेत्र में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाते हुए देश के विकास में बराबर किस सहभागी बन रही है। इस अधिनियम के माध्यम से लोकसभा एवं विधानसभा की सीटों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा,जिससे अधिक से अधिक महिलाएं लोकतंत्र के मंदिर हो या विधानसभा मुखरता से अपने क्षेत्र की विकास के लिए अपनी बात रखेंगी, जनता की आकाँक्षाओं, उम्मीदों और उनकी जरूरतों के लिए सदन में चर्चाओं में सहभागी बनते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य सहयोग देंगी।
यह विधेयक महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। जैसा की सदन में मोदी जी ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए, हमारी सरकार आज एक प्रमुख संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश कर रही है। इस विधेयक का उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करना है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम हमारे लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। यह क्षण हम सभी महिलाओं के लिए एक विशेष और कभी न भूलने वाला क्षण है। मैं एक बार पुनःसमस्त नारी शक्तियों की ओर से इस ऐतिहासिक और भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने वाले निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और कैबिनेट के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करती हूँ और इस अधिनियम का स्वागत करती हूँ।