कवर्धा। कबीरधाम जिले में हर तरह के हथकंडे राजनीति में आम बात हो गई है। कबीरधाम जिला दो विधानसभा पर बटा हुआ है।
विधानसभा 71 और 72 फिर हाल दोनों सीटों पर कांग्रेस कांग्रेस काबिज हैं. यही नहीं दोनों विधानसभा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के गृह जिले के नाम से जाने जाते हैं जहां कवर्धा विधानसभा में कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने ऐतिहासिक वोट से जीत दर्ज कराई है। वही दूसरे विधानसभा पंडरिया में ममता चंद्राकर ने अच्छी खासी वोट से विधानसभा पर अपने परचम लहराए।
अब डॉ रमन सिंह के गृह जिले के दोनों विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है। जिसके लिए भाजपा पूरी जोर-शोर से दोनों विधानसभा सीटों पर काबिज करने की तैयारी में जूटे हुए हैं.
जिसमें जिले के एक विधानसभा सीट के लिए भावना बोहरा नाम की खूब चर्चा हो रही है. और होगा क्यों नहीं.
बता दे भावना बोहरा पुर्व मुख्यमंत्री के करीबी रिश्तेदार में से है और जिला पंचायत के सदस्य भी हैं।
यही नहीं बेमेतरा में संचालित प्राइवेट स्कूल के फाउंडर मेंबर भी हैं।
महिला से जुड़े हर एक मामलों पर भावना बोहरा तत्काल महिलाओं को लेकर अपनी एक्टिविटी दिखा रही है।
अपने जिला पंचायत क्षेत्र के मतदाताओं के लोगों से अच्छे से जुड़े रहने की योजना भी बना रखे हैं. चाहे स्कूल या कॉलेज के बच्चे क्यों ना हो उनको भी रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़े हैं. कॉलेज जाना है जिसके लिए बस सुविधा स्कूल जाना है जिसके लिए बस सुविधा किसी की तबीयत खराब है तो एंबुलेंस ऐसे ही तरह-तरह के सुविधा देकर मतदाता बच्चों बुजुर्गों को रिझा रहे और मतदाताओं बच्चे बुजुर्ग सभी को अपने फेवर पर बनाए रखने की पूरी कोशिश पर लगे हुए हैं.आब करेंगे क्यों नहीं विधानसभा चुनाव जो लड़नी है.
फिरहाल हम यह नहीं कह सकते कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं लेकिन उनके एक्टिविटी देखने से ऐसा लगता है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी पर हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या भाजपा उनको कबीरधाम जिले के किसी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार तय करती है कि नहीं।
चुनाव भी करीब आ ही गया है. तरह-तरह के उम्मीदवार नेता टिकट लेने नई नई तरकीब अपना रहे हैं जिसमें एक चेहरा भावना का भी दिखाई दे रहा है.
बता दे दोनों विधानसभा पर कांग्रेस ने अच्छी खासी वोटों पर जीत दर्ज कराई है। जिसमें कवर्धा विधानसभा से मोहम्मद अकबर अच्छे खासे वोट से विधानसभा पर परचम लहराया था.जिसकी चर्चा छत्तीसगढ़ी नहीं दिल्ली तक पहुंची थी।
वैसे कवर्धा विधानसभा पर अभी तत्कालिक विकास की बात करें तो विकास पहले नाम से जाना जाता था अब काम से जाना जा रहा है. ऐसा हम नहीं यहां के लोग बोल रहे हैं.
पुर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह जी कबीरधाम जिला से हैं और उनसे लंबे समय से जिले वासी मांग कर रहे थे। कि सकरी नदी पर ब्रिटिश जमाने की पुल अभी भी बना हुआ है कभी भी अनहोनी घटना घट सकती है। यह पुल को तत्काल नए रूप में विकसित करें।
पर भाजपा की रमन सरकार ने यह पूल को देखना तो दूर झांकना पसंद नहीं किया. जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ा.
जैसे ही कांग्रेस की सरकार आई और कवर्धा विधानसभा के विधायक और कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने तत्काल स्वीकृति दे दी और आज वह पुल बनकर तैयार है।
ऐसे ही अनेक विकास कार्य हैं जो आम आदमी से जुड़े हुए हैं. जो कांग्रेस सरकार आने के बाद पूरा हो रहा है. बता दे यही मांग कहीं भाजपा शासनकाल पर पूरा हो जाता तो लगता है या दिन भाजपा को आज देखने की जरूरत नहीं पड़ती.
आज वही चेहरे को आगे रखकर भावना बोहरा लोगों को रिझाने में लगे हैं।
मतदाता काफी समझदार है जानते हैं नेता किस तरह मतदाताओं को रिझाते हैं फिर दर्शन तो दूर फोन नहीं उठाते?
वैसे आज भी पंडरिया विधानसभा पर ऐसे ही शिकायत मिलती रहती है पर क्या करें सरकार तो उन्हीं की है.
वही पंडरिया विधानसभा की बात करें तो बता दें कि पंडरिया विधानसभा में ममता चंद्राकर विधायक हैं। जब मुख्यमंत्री जी की भेंट मुलाकात कार्यक्रम उनके विधानसभा क्षेत्र कुकदुर में हुआ तो अपने पति को मुख्यमंत्री के साथ भोजन कराने के विषय पर लेकर खूब चर्चा में रहे हैं।
उनके पति एक गवर्नमेंट कर्मचारी है। जिसको लेकर कार्यकर्ता काफी नाराज चल रहे हैं.
देखते हैं राजनीति वाले बाबा की कृपा आखिर किस पर होती है.