छत्तीसगढ़धर्म

प्रियंका दीदी की जन्मोत्सव में राजधानी हुआ सतनाम मय 

छत्तीसगढ़ । गत दिवस 27.08.2023 दिन रविवार को जगत गुरु गुरु विजय कुमार जी उर्फ अग्रनाम की सुपुत्री एवं ममतामयी मां मिनीमाता जी की सुपौत्री गुरु दीदी प्रियंका जी की जन्मोहोत्सव रायपुर में ,छ.ग.के समस्त जिलों के सतनामी समाज के लोगो के द्वारा बड़े ही हर्ष उल्लास, भव्यता के साथ सादगी पूर्ण रूप से मनाया गया ।

 

जिसमें सतनामी समाज के लोगो में बहुत ही हर्ष, आनंद, उल्लास, और प्रशनंता से सराबोर उत्साह झलक रही थीं । गुरु निवास लोधी चौक में छ.ग. के विधान सभा अध्यक्ष चरण दास महंत, विजय शर्मा प्रदेश महामंत्री भाजपा एवं अन्य बड़े बड़े हस्तियों का बधाई देने के लिए तांता लगा ।

11 बजे से गुरु निवास लोधी चौक से पंथी नृत्य , बाजे गाजे और सतनामी समाज के अन्य जिलों से आए लोगो द्वारा चौक चौराहों में अयोजित जन्मोहोत्सव के सम्मान में जगह जगह केक काटने वा समाज के लोगो द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

रैली सादगी पूर्ण रवाना होते हुए राजनंदनी गुरु दीदी प्रियंका जी की जन्मोहोत्सव कार्यक्रम प्रारंभ हुई लोधी चौक के पूर्व दिशा के रास्ते से होते हुए शंकर नगर (मंत्री निवास) से होकर तेलीबांधा चौक से शहीद भगत सिंह चौक में सतनामी समाज द्वारा अयोजित जन्मोहोत्सव कार्यक्रम में शामिल होकर गुरु घासीदास चौक (घड़ी चौक) से पंडरी बस स्टैंड रायपुर से खरोरा के पास स्थित साहेब बरडीह धाम के लिए लगभग 900 गाड़ियों के काफिले के साथ रवाना हुई।
जन्मोहोत्सव में सतनामी समाज हजारों लोगो के जयकारा से रायपुर हुआ सतनाममय ।

बरडीह धाम को जगतगुरु गुरु अगम दास साहेब जी का पुराने गांव के नाम से जाना जाता है। जहां लगभग 45000 हजार लोगो की गरिमामयउपस्थिति में जन्मोहोत्सव कार्यक्रम मे केक काटकर गुरु वाणी से समाज को आर्शीवाद प्रदान किया गया।
जैसे भंडारपुरी धाम,खडुआपूरी धाम, तेलासीपूरी धाम को अगम दास साहेब जी के नाम से प्रसिद्ध है वैसे ही साहेब बरडीह धाम को भी समाज द्वारा जाना जाता है।
साहेब बरडीह धाम में गुरु अगम दास साहेब जी का सैकड़ों एकड़ जमीन, पुराने गुरूद्वारा (महल) का अवशेष, और उस समय जिस कुएं से गुरु अगम दास साहेब जी पानी पीते थे वो कुएं आज भी विद्यमान हैं।
संपूर्ण भारत में सतनामी समाज का ऐतिहासिक धारोहर, और समाजिक धरोहर स्थापित है। जो जिससे समाजिक एकता और अखंडता को कायम रहने का मिसाल प्रदर्शित करता है।

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