छत्तीसगढ़युवा

शास.आई टी आई मेहमान प्रवकाताओ के मौलिक अधिकारों का किया जा रहा हनन

छत्तीसगढ़। शास.आई टी आई मेहमान प्रवक्ता प्रशिक्षण अधिकारी ऐसे तो कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवम रोजगार विभाग में विगत 15 वर्षो से भी अधिक समय से सेवा देते आ रहे हैं।
सेवा भी ऐसा जहां नियमित के एक चौथाई मानदेय न किसी प्रकार की अवकाश की सुविधा न ही किसी प्रकार का पीएफ ईपीएफ कटौती। इतने वर्षो से शासन और विभाग द्वारा हजारों जिंदगी खराब करके हजारों योग्य और शिक्षित लोगो का जिंदगी खराब कर गरीबी में जीने मजबूर करने के बाद भी विभाग को पता ही नही मेहमान प्रवक्ता कौन है। अधिकारियों और मंत्रियों को पत्राचार करते करते चप्पल घिस गए। लाखों रुपए संघ द्वारा फूंक दिया गया धरना प्रदर्शन और संचनालय और मंत्रालय के चक्कर लगाकर फिर भी इनको फर्क ही नहीं पड़ा।
काम के समय कर्मचारी और बाकी आप कौन हम कौन बोल रहे हैं। विभागीय अधिकारी और मंत्री मौखिक जानकारी दे रहे हैं कि आपकी जानकारी नियमतीकरण के लिए भेजा गया है। लेकिन दूसरे तरफ दोहरापन व्यवहार का परिचय दे रहे हैं जब सूचना का अधिकार से जानकारी मांगी जा रही है तो उसमे निरंक जानकारी भेज रहे हैं।
ये कैसा सौतेला व्यवहार है जहां इतने वर्षो से शोषित करने के बाद जब नियमतीकरण करने की बात आ रही है तो हमे पहचान ही नहीं रहे हैं।
जबकि शासन द्वारा नियमतीकरण के लिए चाही गई अनिवार्य 05 बिंदुओं को मेहमान प्रवक्ता पूरा भी करते हैं इसके बावजूद इनके अधिकार से खिलवाड़ किया जा रहा है। नियम की बात अधिकारी करते हैं लेकिन एक नियम भी हमारे हित में लागू नहीं कराया जाता है।
नियमित के समान ही सारा काम लिया जा रहा है लेकिन फायदा चवन्नी का नही दे रहे हैं। 187 आई टी आई में 187 नियम है मेहमान प्रवक्ता के लिए।
कहीं महिलाओं के साथ अभद्रता किया जाता है तो कहीं गाली और धमकी दिया जाता है।
फिर भी लोग इसलिए सह जा रहे हैं कि हमे भी भविष्य में नियमतीकरण का लाभ मिलेगा।
लेकिन विभाग और शासन ने हद कर दिया।
अर्हता रखने के बावजूद भी इग्नोर किया जा रहा है।
फिर भी अंधेर नगरी चौपट राजा सब देख रहे हैं लेकिन कर कुछ नहीं रहे हैं। अगर शास आई टी आई मेहमान प्रवक्ता का नियमतीकरण नहीं मिलता तो वे 400 पद आने के बाद बेघर हो जायेंगे। अभी समय है विभाग और शासन इनके हित में फैसला ले।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×

Powered by WhatsApp Chat

×